आज के दौर में काफ़ी जागरण की बढ़ती लोकप्रिय के चलते कुछ ऐसे लोग कर रहे है जिसका पाप जाने अनजाने में हमारे ऊपर आता है सिर्फ़ चंद पैसों के लिए लोग अपने धर्म के साथ खिलवाड़ कर रहे है सनातनी को जागना पड़ेगा क्योंकि ये जागरण कीर्तन सिर्फ़ एक भजन गायक या सिर्फ़ महंत पकड़ सकता था पर आज कल हर कोई कर रहा है जागरण करने से कोई दिक़्क़त नहीं है जो मर्ज़ी करे पर एक बात जो हमने अपने गुरूओ से सीखी है विधिविधान से धार्मिक प्रोग्राम होता है ऐसा ना होता तो आप किसी भी event ऑर्गनाइज़र से करवा लेते भगवती जागरण की सबसे विशेष ढल की रस्म ये जो जागरण से पहले महंत या भजन गायक को दिया जाता है जो हम तारा रुक्मणी की कथा में भी सुनते है वो सिर्फ़ एक गुरु का शिष्य ही ले सकता है किसी को हक़ नहीं जैसे आज कल हर कोई हर कोई जय माता दी अगर कोई बात बुरी लगी हुई हो तो क्षमा का जाचक हूँ